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अ॒भि द्यां म॑हि॒ना भु॑वम॒भी॒३॒॑मां पृ॑थि॒वीं म॒हीम् । कु॒वित्सोम॒स्यापा॒मिति॑ ॥

अंग्रेज़ी लिप्यंतरण

abhi dyām mahinā bhuvam abhīmām pṛthivīm mahīm | kuvit somasyāpām iti ||

पद पाठ

अ॒भि । द्याम् । म॒हि॒ना । भु॒व॒म् । अ॒भि । इ॒माम् । पृ॒थि॒वीम् । म॒हीम् । कु॒वित् । सोम॑स्य । अपा॑म् । इति॑ ॥ १०.११९.८

ऋग्वेद » मण्डल:10» सूक्त:119» मन्त्र:8 | अष्टक:8» अध्याय:6» वर्ग:27» मन्त्र:2 | मण्डल:10» अनुवाक:10» मन्त्र:8


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ब्रह्ममुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (महिना) मैं अपनी महिमा से महान् सामर्थ्य से (द्याम्-अभि भुवम्) द्युलोक को अभिभूत करता हूँ (इमां महीम्) इस महती (पृथिवीम्-अभि) पृथिवी को अभिभूत करता हूँ, क्योंकि मैंने परमात्मा के आनन्दरस का बहुत पान किया है ॥८॥
भावार्थभाषाः - परमात्मा के रस का बहुत पान करनेवाला द्युलोक और पृथिवीलोक को भी अपने ज्ञान में रखता है ॥८॥
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ब्रह्ममुनि

पदार्थान्वयभाषाः - (महिना द्याम्-अभि भुवम्) अहं महिम्ना महासामर्थ्येन द्युलोकमभिभवामि  (इमां महीं पृथिवीम्-अभि) एतां महतीं पृथिवीमभिभवामि (कुवित्०) पूर्ववत् ॥८॥